एसईओ का नाम सुनते ही ऐसा लगता है | ये कुछ बहुत भारी भरकम मामला होगा | लेकिन आप इसके नजदीक जा के देखेंगे तो ये बहुत ही सिंपल लगेगा | इसके लिए आपको कुछ रुटीन के काम सिर्फ रूल्स फॉलो कर के करने होंगे| हमेशा छोटी बातो को नजरअंदाज ना करे। समय रहते उसी काम को पूरा करे।
तो आइए एसईओ के बारे में विस्तृत जानकारी लेते है | इसे पढ़ के आपके काम के तरीके में थोड़ा बदलाव लाके इसे आसानी से अपनी वेबसाइट में उपयोग कर सकेंगे |
अपनी वेबसाइट का एसईओ क्यों जरुरी है ?
एसईओ की मेरी वेबसाइट पर क्यू जरुरत है वो समझ लेंगे तो आप को इसे अपनाना बहुत ही आसान होगा | हम अपनी वेबसाइट/ब्लॉग अपने ग्राहकों / दर्शको के लिए बनाते है |
हमें पहले हमारे वेबसाइट पे दर्शको को आने के लिए वो क्या खोज रहे है वो समझना होगा | इसके बिना हम अपनी वेबसाइट/ब्लॉग को ऑप्टिमाइज़ नहीं कर सकते|
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हम इसे कैसे समझेगे |
कल्पना कीजिए कि में पुणे में हु और लोन लेना चाहता हु | मैं ग्राहक के तौर पे क्या खोज सकता हु | मैं शायद निचे दिए गए कुछ कीवर्ड में से सर्च इंजिन में खोजने की कोशिश करूँगा |
इससे हम समझ सकते है के विषय के अनुसार कोनसे कीवर्ड अपनी वेबसाइट पोस्ट/पेज के लिए लगने वाले है | इसी कीवर्ड के हिसाब से हमें सर्च इंजिन में रैंक करना होगा |
वेबसाइट की एसईओ करने के लिए आपको कीवर्ड रिसर्च करनी जरुरी है |
एसईओ (सर्च इंजिन ऑप्टिमाइजेशन) क्या है ?
जब हम सर्च इजिन में कुछ खोजते है तो उसके रिजल्ट हमें तुरंत मिलते है | इस रिजल्ट पेज पर हमारी वेबसाइट कैसे पहले पन्ने पे आ जाये इसके लिए जो हम अपनी वेबसाइट का ढांचा बनाते है, उसे ऑनलाइन की दुनिया मे एसईओ कहते है।
एसईओ के प्रकार (टाइप)
मुख्यता एसईओ तीन प्रकार के होते है | तीनो प्रकार से हम हमारे वेबसाइट/ब्लॉग का रैंक सुधार सकते है |
देखते है के हमें इन तीनो प्रकारो पे कैसे काम करना होगा।
ऑन पेज एसईओ (On Page)
ऑन पेज एसईओ मतलब जो हम अपनी पोस्ट या पेज में सुधार करते है | आप जब पेज या पोस्ट बनाते है उस वक्त आपको योस्ट SEO या रैंक मैथ जैसे प्लगइन आपको एसईओ स्कोर से बताते है के आप सही जा रहे या नहीं | उनके सुझाव देख के आप पोस्ट को लिखते जाये |
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इससे आपका ८० प्रतिशत काम हो जायेगा | इन प्लगइन का यही है के पेज या पोस्ट को एसईओ फ्रेंडली बनाने में आपकी मदत करे|
सही कीवर्ड का चुनाव करे।
किसी भी वेबसाइट /ब्लॉग का कीवर्ड आत्मा होता है | इसीसे अपनी वेबसाइट का फोकस कहा है और किस टाइप विजिटर आनेवाले है ये तय होता है |
संक्षिप्त, वर्णनात्मक URL का उपयोग करें।
आपके पेज का वेब पता सर्च इंजन को उसके विषय के बारे में संकेत भेजता है।
साइट की URL संरचना सरल होनी चाहिए | अपने कन्टेन्ट को व्यवस्थित करने पर विचार करें ताकि URL का निर्माण तार्किक रूप से हो |
वेबसाइट का स्पीड अच्छा हो
ये सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट तेजी से लोड होती है या नहीं | वेबसाइट को लोड होने में समय लगता है तो विज़िटर बैक बटन दबाके निकल जाता है | आपने भी कभी ऐसा किया होगा | इसीलिए वेबसाइट की स्पीड अच्छी होनी चाहिए |
संक्षिप्त, वर्णनात्मक URL का उपयोग करें।
पोस्ट या पेज का नाम विजिटर और सर्च इंजिन को समझ आना चाहिए | जैसे के
- www.webguide.in/website-ka-seo-kaise-kare
- www.webguide.in/abse232
इसमें से पहले वाले लिंक से समझ में आता इसमें क्या होगा | दूसरा लिंक है वो हमें कुछ बताता नहीं | वैसे ही सर्च इंजिन को समझ आता है।
वेबसाइट मोबाइल फ्रेंडली होनी चाहिए।
अब मोबाइल से सर्च ज्यादा होते है | इसीलिए गूगल सर्च कहता है की आपकी वेबसाइट मोबाइल पे दिखे इसी तरह से बनाए | मोबाइल पे वेबसाइट बराबर नहीं दिखेगी तो गूगल अपनी तरफ थोड़ा अनदेखा कर लेता है |
मोबाइल फ्रेंडली टेस्ट टूल की मदत से आपकी वेबसाइट चेक कर सकते है |
SSL सर्टिफिकेट इनस्टॉल करे।
HTTPS आधिकारिक तौर पर गूगल द्वारा उपयोग किए जाने वाले रैंकिंग संकेतों में से एक है। इससे सिक्योरिटी बढ़ती है | हमने अपने वेबसाइट की सिक्योरिटी के बारे में नहीं सोचा तो सर्च भी अपने वेबसाइट के बारे सोचना छोड़ देता है।
robots.txt फाइल अपलोड करे।
ये फाइल आपके वेबसाइट में होगी | नहीं होगी तो इसे अपलोड कर ले | इस फाइल की मदत से क्रावलर को समझ आता है के वेबसाइट पे कहा जाना है |
पेज या पोस्ट में इंटरनल लिंक बना ले |
इंटरनल लिंक का मतलब अपनी वेबसाइट की एक पेज या पोस्ट से अपनी ही साइट के दूसरे पेज या पोस्ट को लिंक करना |
उदाहरण की तौर पे, में यहाँ मेरी दूसरी पोस्ट वेबसाइट निर्माण कैसे करे इसका लिंक दाल दिया है | इससे मै आपको ये बताने की कोशिश कर रहा हु के इस पेज पे वेबसाइट निर्माण के बारे में डिटेल्स बता रहा हु |
ऑफ पेज एसईओ (Off Page)
ऑफ पेज एसईओ में हमें वेब की दुनिया में अपनी वेबसाइट / ब्लॉग के फिंगर प्रिंट बनाने होते है |
सर्च इंजन परिणाम पृष्ठों (SERPs) के भीतर आपकी रैंकिंग को प्रभावित करने के लिए आपकी अपनी वेबसाइट के बाहर की गई कार्रवाइयों को संदर्भित करता है।
सर्च इंजिन सबमिशन –
अपने वेबसाइट को रैंक करने के लिए गूगल,बिंग पे सबमिट करे।
अपने वेबसाइट को गूगल पे सबमिट करे।
जब हम गूगल पर वेबसाइट का साइटमैप दाल देते है | गूगल का क्रावलर आपकी वेबसाइट को विजिट कर के आपकी वेबसाइट के डिटेल उनके डेटाबेस में ऐड कर लेता है | और जब भी आपकी वेबसाइट के रिलेटेड कोई क्यूरी आती है तब आपकी रैंक हुयी पेज को दिखाता है |
अपने वेबसाइट को बिंग पे सबमिट करे।
बिंग सर्च इंजिन में अपनी साइट को सबमिट करके हम बिंग के सर्च इंजिन से जुड़ जायेगे |
अपने वेबसाइट को याहू पे सबमिट करे।
याहू सर्च इंजिन में अपनी साइट को सबमिट करके हम याहू के सर्च इंजिन के साथ जुड़ेंगे |
लिंक बिल्डिंग
बैकलिंक्स का निर्माण ऑफ-पेज एसईओ के केंद्र में है।सर्च इंजिन लिंक्ड-इन कंटेंट की गुणवत्ता के संकेत के रूप में बैकलिंक्स का उपयोग करते हैं, इसलिए कई हाई क्वालिटी बैकलिंक वाली साइट आमतौर पर कम बैकलिंक के साथ एक समान बराबर साइट से बेहतर रैंक करेगी।
तीन मुख्य प्रकार के लिंक होते हैं |
प्राकृतिक (नैचरल) लिंक – संपादकीय रूप से किसी पेज ओनर की ओर से बिना किसी कार्रवाई के दिए जाते हैं।
मैन्युअल रूप से निर्मित लिंक – जानबूझकर लिंक-बिल्डिंग गतिविधियों के माध्यम से बनाया जाता है। इसमें आपकी वेबसाइट से लिंक करने के लिए ग्राहक से बताना या अपना कंटेन्ट साझा करने के लिए प्रभावित करने वालों से पूछना जैसी चीजें शामिल हैं।
स्व-निर्मित लिंक – ऑनलाइन डिरेक्टरी, मंच, ब्लॉग टिप्पणी , या प्रेस रिलीज के जरिए बैकलिंक जोड़ने जैसी प्रथाओं द्वारा बनाई गई।
सोशल मीडिया मार्केटिंग
अच्छा सोशल मीडिया मार्केटिंग उपभोक्ताओं को वेबसाइट तक ले जाता है; अच्छा एसईओ उपभोक्ताओं को उस वेबसाइट को खोजने और उसके साथ लगे रहने में मदद करता है।
गेस्ट ब्लॉगिंग
गेस्ट ब्लॉगिंग, जिसे “गेस्ट पोस्टिंग” भी कहा जाता है, किसी अन्य वेबसाइट के लिए सामग्री लिखने का कार्य है। आम तौर पर, अतिथि ब्लॉगर अपने उद्योग के भीतर समान ब्लॉगों के लिए लिखते हैं।
टेक्निकल एसईओ-
टेक्निकल एसईओ अपने वेबसाइट की रैंकिंग करते वक्त पेज/पोस्ट में सुधार करने के बारे में है। इसके जरिए हम अपने वेबसाइट को फ़ास्ट, इजी क्रॉल, ब्रोकन लिंक्स और बहुत सारी छोटी मोटी टेक्निकल इश्यू को देखना होता है। वैसे देखा जाए तो ये एक ऑन पेज एसईओ का पार्ट हो सकता है।
आप अपने वेबसाइट को सही तरह से ऑप्टिमाइज़ कर लेते हो तो आपका वेबसाइट का रैंक बढ़ने में आसानी हो जायेगी।