ब्लॉगर के लिए अभी के लिए वेब स्टोरी बनाना हॉट टॉपिक है। वेब स्टोरीज के जरिए अपने ब्लॉग का ट्रैफिक बढ़ता है, ब्रैंडिंग होती है, और साथ ही साथ कमाई के मौके भी है।
तब मेरे मन में ये सवाल आया के गूगल कैसे बिना लॉजिक के सबको ट्रैफिक दे रहा है। तब मुझे २०१० के आस पास के मेरे ब्लॉग के ट्रैफिक का ख्याल आया। तब मै पोस्ट फाइनेंस के प्रॉडक्ट पे पोस्ट लिखता था। तो उस समय में सिर्फ १०-१५ मिनट में सर्च इंजिन में पहले पेज पे रैंक करती थी।
उस समय ५-१० ही लोग प्रॉडक्ट के बारे में पोस्ट बनाते थे। कोई कॉम्पिटिशन नहीं था। ब्लॉगर को थोड़ा न्यूज़ साइट का कॉम्पिटिशन आता था।
ये बात बताने का मकसद ये है की आज के समय जो वेब स्टोरी का प्लेटफार्म को बढ़ावा देने के लिए और इसमें कॉम्पिटिशन नहीं के बराबर है। इसलिए सभी को ट्रैफिक मिलेगा । हम इसपे सही ढंग से काम करते है तो हमें
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मैंने वेब स्टोरी पे थोड़ा बहुत रिसर्च किया तो मुझे ये एक अच्छा ऑप्शन लगा। मै अपने ब्लॉग के जरिए वेब स्टोरी बना रहा हु।
वेब स्टोरी क्या है ?
गूगल वेब स्टोरी एक विज़ुअल स्टोरी बताने का माध्यम है। इमेज और चुनिन्दा वाक्यों और छोटी वीडियो क्लिप को इकठा कर के एक स्टोरी बनानी होती है। इसके जरिए एक बड़ी कहानी हमें दर्शको कम समय में समझानी होती है। दर्शको का १ से २ मिनट में हमें स्टोरी के जरिए अपनी बाते बतानी है।
वेबस्टोरी कैसे बनती है ?
वेब स्टोरी ३ मेजर पार्ट से बनती है। पोस्टर, कवर पेज , स्टोरी पेज
वेब स्टोरी पोस्टर – ये एक महत्वपूर्ण अंग है वेबस्टोरी का। जब भी डिस्कवर में दर्शक आता है और स्टोरीज देख रहा होता है। उसे अच्छा पोस्टर अपनी स्टोरी पे आने में मजबूर करता है।
बैकग्राउंड इमेज – इसपे वीडियो और एनीमेशन नहीं लगा सकते।
टाइटल – इसे ७० कॅरक्टर से कम रखना है।
पब्लिशर लोगो – इसका साइज ९६ X ९६ होना चाहिए। आस्पेक्ट रेश्यो १ : १ रखे।
अभी पोस्ट आधा अधूरा पड़ा हुआ है जल्द ही इसे पूरा कर लूंगा।
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कवर पेज – ये स्टोरी का पहला पेज होता है। इसपे स्टोरी का टाइटल लगाया जाता है। साइज ९६ X ९६ होना चाहिए। आस्पेक्ट रेश्यो १ : १ रखे।
स्टोरी पेज – ये स्टोरी के अलग अलग पेज होते है। इसके जरिए हमें स्टोरी को पूरा करना होता है।
वेबस्टोरी बनाने के लिए लगनेवाले प्लगइन
वेबस्टोरी बनाने के लिए बहुत सारे प्लगइन का उपयोग किया जाता है। लेकिन उसमे से २ प्लगइन ज्यादा उपयोग में लाये जाते है।
गूगल का वेब स्टोरी प्लगइन –
ये वेब स्टोरीज प्लगइन गूगल का खुद का है। इस प्लगइन से आप आसानी से स्टोरीज बना सकते है। गूगल का खुद का प्लगइन होने के कारण कुछ फायदे हमें मिलते है।
मेक स्टोरी प्लगइन –
इस प्लगइन को बहुत सारे लोग उपयोग में ला रहे है। ये प्लगइन गूगल के प्लगइन से थोड़ा अलग है। और ज्यादा सुविधा की वजह कई लोग इसका उपयोग करते है। मेरे हिसाब से गूगल का वेबस्टोरी प्लगइन लगाना फायदे का सौदा हो सकता है। मै वेबस्टोरी के लिए गूगल वेब स्टोरी प्लगइन का उपयोग करता हु।
वेबस्टोरी बनाने का तरीका ?
में शुरू में वेब स्टोरी बना रहा था तो कुछ समझ नहीं आ रहा था। मुझे यू ट्यूब और ब्लॉग पे पूरी डिटेल जानकारी नहीं मिली। हर क्रिएटर हमें ये बताने में लगा था के कैसे वेब स्टोरी से पैसे कमाए और थोड़ी बहुत जानकारी दे रहा था। उसी प्रॉब्लम को देखते हुए ये स्टेप मेरे लिए मैंने सिख ली।
स्टेप १ – स्टोरी किस विषय पे बनानी है उसका स्केच बनाए।
इस हैडलाइन को देखने के बाद आप को ऐसा लगा होगा के मै कुछ गलत तो नहीं पढ़ रहा। अब तक सब जगह बताया गया हुआ है के स्टोरी बनाने के ट्रेन्डिंग टॉपिक को लेले और उसमे से कुछ न्यूज़ को तोड़मरोड़ के ५-१० में वेबस्टोरी बनाए। और उससे बहुत सारा ट्रैफिक पाए।
मैंने बहुत सारी स्टोरी को देखा है। की सिर्फ एक लाइन डाली और एक इमेज को दाल के स्टोरी को बनाके पब्लिश कर दिया। आज के दिन में ये चल रहा है। जब जितने ज्यादा लोग स्टोरी बनाने लगेंगे तब आप का ट्रैफिक डाउन होगा। आप लम्बी रेस के हिसाब से आये होंगे तो ये बाते आपके काम की होगी।
आप स्केच को अपने मन में भी बना सकते है। लेकिन एक छोटासा कागज लेके या गूगल डॉक् के जरिए बना सकते है।
समझो मुझे ब्लॉग पे लगनेवाले प्लगइन के बारे में स्टोरी लिखनी है। मै देखूंगा की वर्डप्रेस पे हमेशा लगनेवाले प्लगइन कोनसे है। उसे एक एक करके नोटपैड पे लिखूंगा। १०-१२ प्लगइन के नाम लिखने के बाद , प्रत्येक प्लगइन क्यू जरुरी है उसको लिखुगा। ऐसे मेरे स्टोरी का स्ट्रक्चर तैयार हो जायेगा।
स्टेप २ – पहला और आखरी पेज बनाए।
कवर पेज – टाइटल लिखे और जैसे पोस्टर बनाया है वो इमेज के साथ कुछ जानकारी और डाल दे।
आखरी पेज – क्लोजिंग रिमार्क के साथ ख़त्म करे। आपकी दूसरी ट्रेन्डिंग स्टोरी के बारे में बताए लिंक डाले।अपनी वेबसाइट का लिंक साझा करे।
एक बार आप पहला और आखरी पेज सही ढंग से बनाते है। उसे टेम्पलेट के तौर पे रखे वो पेज हमें हर स्टोरी में काम में आनेवाले है। जब हम नई स्टोरी को बनाते है तब टेम्पलेट के जरिये कुछ बदलाव के अपने पेज तैयार हो जाते है।
स्टेप ३ – स्टोरी के भींच में ८ से १२ पेज बनाए।
हमेशा पहला पेज और आखरी पेज तैयार होता है। बिच में कमसे से कम ६ पेज बनाए। मैने देखा है की १०-१२ पेज की स्टोरी पे अच्छा ट्रैफिक आता है। कुछ सैंपल स्टोरीज २० पेज की बनाई है और उसपे दर्शक १७-१८ वे पेज तक आता है। लम्बी स्टोरी भी बहुत काम की होती है। सिर्फ हमारी स्टोरी में दर्शको को रुकनेवाला कन्टेन्ट होना चाहिए।
वेबस्टोरी बनाने के टिप्स & ट्रिक्स
रेफरेंस – Web Stories Workshop ,