ब्लॉग बनाना आसान है लेकिन उसे शुरू रखना बहुत मुश्किल काम होता है | हमें ट्रैफिक जेनरेट करनेवाला, हर हफ्ते नया कन्टेन्ट चाहिए | तब हम अलग अलग एक्सपर्ट के पोस्ट या वीडियो देखते है उन्होंने इसके बारे में क्या कहा है उसपे काम करना शुरू करते है |
हमें सभी बताते है के बड़ी पोस्ट लिखते है तो रैंक बढ़ेगा और बहुत दर्शक आएंगे ?
इस बात पर सोचने पे मुझे ऐसे लगा २००० शब्दों के आर्टिकल बढ़िया है उससे रैंक बढ़ता है और दर्शक भी आ रहे है | ५०० शब्दों के आर्टिकल को हम घुमा फिरा के २००० शब्दों को बना देते है |
लेकिन मेरे मन में सवाल आया के जब मै दर्शक बन के कुछ खोज रहा होता हु और मै ५०० शब्दों के आर्टिकल के जरिये समझ सकता हु उसे मेरे सामने २००० शब्दों में पेश किया जाता है | तो मेरी परेशानी बढती है |
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तब मै उस ब्लॉग से जो चाहिए वो पढ़ लेता हु लेकिन ब्लॉग का नाम याद रखने में जरुरी नहीं समझता| लेकिन किसीने मुझे कम शब्दों में सही तरीके से समझाया होगा तो उसे अगली बार के लिए याद रखना आसान हो जाता है |
लोगो के पास बहुत कम समय होता है | जब वो अपने पास आते है और महत्वपूर्ण जानकारी हम कम शब्दों में बता सकते है तो उनका विश्वास आप पे बढ़ जाता है |
दर्शको की क्या समस्या है वो समझे और उसका उपाय बताये
जो दर्शको को चाहिए उसे हम अपने कन्टेन्ट के जरिए पूरा सकेंगे तो उसमे हमें कितना बड़ा या छोटा आर्टिकल लिखना है इसपर ध्यान देने की जरुरत नहीं पड़नेवाली।
लोगो को उन्हें जो समस्या है उसका उपाय चाहिए और हम उसे छोड़ के बाकी बाते बताये तो उससे दर्शको को उसका कुछ लेना देना नहीं होता है | जो प्रॉब्लम वो फेस कर रहे उसका समाधान आप दे रहे है तो वो आपके ब्लॉग से खुश हो जाते है |
हमें पोस्ट लिखते वक्त इसपे गौर करना जरुरी होता है | इसे लिखते वक्त हमें ये भूल जाना है के १००० -१५०० कीवर्ड का पोस्ट लिखना है |
शुरवाती दौर में मैंने ब्लॉग बनाया था उस वक्त मुझे SEO रैंकिंग ये कुछ मालुम नहीं था | एक बात उस समय मुझे मालुम हो गयी थी | जो मै ढूंढता था पूरा डिटेल्स नहीं मिलता था इसके लिए कुछ २-४ ब्लॉग से मै डेटा इक्कठा कर लेता था |
जब मैंने २०१० में ब्लॉग पे इन्ही कमियों को देखते हुए अपना ब्लॉग बनाया था | उस समय मेरे पोस्ट पहले पन्ने पे SEO किये बिना आ जाते थे |
गूगल का कहना है के दर्शक को जो चाहिए वो आप दे सकते है तो आपका पोस्ट रैंक करने लायक है | इसके लिए बहुत बड़ा पोस्ट लिखने की जरूरत नहीं आप दर्शको का समाधान कर सकते है क्या यही देखा जाएगा |
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वायरल कन्टेन्ट को पब्लिश करे।
वायरल कन्टेन्ट जो आपके टॉपिक से मेल खाता हो उन्ही पे पोस्ट बनाना होगा | लेकिन हमें ये देखना होगा के अपना पोस्ट पहले आ जाये यही हम सबके बाद आखरी में अपना पोस्ट पब्लिश करते है तो उसका फायदा नहीं होगा |
वायरल कन्टेन्ट अपने ब्लॉग से मेल खाता नहीं होगा तो उसपे पोस्ट बनाके हमें फायदा नहीं होनेवाला ये बात दिमाग में रखनी होगी |
वायरल कंटेन्ट लिखे इसका मतलब ये भी नहीं होता के सिर्फ वायरल कंटेन्ट पर ही फोकस करे। अपने ब्लॉग के थीम के हिसाब से जो जरुरी कंटेन्ट हो उसे बनाए। वायरल कंटेन्ट से दर्शको अपने ब्लॉग पे आकर्षित करना है। और हमारे पास जो अच्छी उनके काम की महत्वपूर्ण पोस्ट है इस बात के लिए अवगत कराना है।
अपना कन्टेन्ट पढ़ने योग्य होना चाहिए।
हमारे पोस्ट जब दर्शक देखता है | तो पहले वो अपनी आँखों से पोस्ट को scan कर लेता है | मतलब पोस्ट ऊपर ऊपर से देखता है उसे लगता है के इसे पढ़ के उसे फायदा होनेवाला है तो रूकता है वर्ना दूसरे ब्लॉग पे ढूढने जाता है |
पुराने पोस्ट को अपडेट करे |
हमारे ब्लॉग पे कोई पुराना पोस्ट होगा और उसके व्यूज कम हो रहे होंगे तो उस पोस्ट को आप पढ़ के कुछ अपडेट कर सकते है | उसे सेम यूआरएल के जरिये नए डेट से फिर से पब्लिश कर सकते है |
पुराने पोस्ट को अपडेट के लिए कुछ टिप्स :
आखरी शब्द
हम जब अपने दिल से कन्टेन्ट लिखते तो उसमे जान आती है | सिर्फ बैकलिंक , ऑन पेज SEO करने से कम समय के रैंक मिल जाएगा | मै ज्यादातर गूगल (जॉन म्युलर QnA सेशन) की तरफ से जो वीकली अपडेट बताया जाता है | उसे देखते हुए अपनी रणनीति तय करता हु |